NEW STEP BY STEP MAP FOR पारद शिवलिंग प्राइस

New Step by Step Map For पारद शिवलिंग प्राइस

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 इसकी पूजा से कुंडली में मौजूद सभी तरह के गृह दोष समाप्त हो जाते हैं।

उसके बाद जातक को पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।

हिंदू धर्म में शिवलिंग भगवान शिव का सर्वोच्च प्रतीक है और उनकी पूजा का केंद्र बिंदु माना जाता है। विभिन्न प्रकार के शिवलिंग विद्यमान हैं, जिनमें पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग क्यों है खास ? घर में इनकी पूजा करने के लिए क्या है लाभऔर स्फटिक शिवलिंग का एक विशेष स्थान है। ये दोनों शिवलिंग अपनी विशिष्टताओं और लाभों के कारण पूजनीय माने जाते हैं। आइए, इस लेख में इन शिवलिंगों की महिमा, महत्व और घर में स्थापित करने के फायदों को विस्तार से जानें।

हिंदू धर्मात भगवान शिवाची उपासना अतिशय महत्तवाची मानली जाते. सर्व प्रकारच्या शिवलिंगांच्या पूजेमध्ये पारद शिवलिंगाचे खूप महत्त्व आहे.

वैदिक मान्यताओं के अनुसार, पारद शिवलिंग साक्षात भगवान शिव का स्वरूप है। ब्रह्मचारी महाराज के अनुसार हिंदू धर्म के रूद्रसंहिता, शिवपुराण, ब्रह्मपुराण, वायवीय संहिता, ब्रह्मवैवर्तपुराण आदि कई ऐसे ग्रंथ हैं, जिनमें पारद के शिवलिंग की महिमा का उल्लेख मिलता है। सौभाग्य बढ़ाने वाले पारद शिवलिंग का पूजन हमेशा श्रेष्ठ होता है यहां क्लिक करके पढ़िए- पारद के शिवलिंग को चमत्कारी क्यों माना जाता है। 

परभणीतील नांदखेडा रस्त्यावरील बेलेश्वर कॉलेज समोर हे ठिकाण आहे.

Parad Shivling has the unique electricity to evoke the power of Goddess Saraswati. Small children are blessed using this type of ability to get curiosity in what they see and discover what is helpful and discard exactly what is unwelcome. Worshiping the ling on Mondays will carry large amount of adjustments: in assistance, wealth, associations, overall health mental and Bodily, corrects developing abnormalities – Vaastu Dosha.

यदि आपके घर में पारद शिवलिंग online शिवलिंग है, तो इसके नियम जानकर उनका पालन जरूर करें, तभी आपकी पूजा फलित हो पाएगी.

पन्ना शिवलिंग; पन्ने नामक हरे रंग के कीमती रत्न से बनाया जाता है।

पारद शिवलिंग ज्या घरात असेल तेथे अकाल मृत्यू चे भय राहत नाही.

रक्तचामुण्डा यक्षिणी साधना : वशीकरण करने का ब्रह्मास्त्र

वैदिक शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि स्फटिक शिवलिंग की आराधना करने से व्यक्ति को ज्योतिर्लिंग की पूजा के समान ही फल प्राप्त होता है। इसकी पूजा से भक्तों को कई लाभ मिलते हैं। स्फटिक शिवलिंग की आराधना से जीवन में सुख-शांति तथा समृद्धि आती है और शिवजी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त शिवलिंग की पूजा से घर में प्रेम और सौहार्द का वातावरण रहता है। ये शिवलिंग समस्त प्रकार के कष्टों को हरता है। साथ ही यदि कोई व्यक्ति शिव की अनु-कंपा प्राप्त करना चाहता है तो उसे स्फटिक से बने इस शिवलिंग की पूजा अवश्य करनी चाहिए। यह शिवभक्तों की मनोकामनाओं को शीघ्र पूरा करता है।

कुबेर कुंजी की स्थापना त्रयोदशी तिथि में करें।

पारद शिवलिंग और स्फटिक शिवलिंग की स्थापना

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